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  1. असिस्टेंस टू स्टेट्स फॉर कंट्रोल ऑफ़ एनिमल डिजीज (एस्केड )
  2. कौशल विकास, प्रौद्योगिकी हस्तानांतरण और विकास योजना (Yojna)
  3. कृत्रिम गर्भाधान द्वारा नस्ल सुधार
  4. बधियाकरण
  5. पशु मेले
  6. सिरोही बकरी में अनुवांशिकी नस्ल सुधार
  7. राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम
  8. राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम
  9. पशुधन निःशुल्क आरोग्य योजना (Yojna)
  10. पेस्टें डेस पेटिटिस रूमिनेंट्स नियंत्रण
  11. Poultry Entrepreneurship Development to Improver Farmers Incomes in Rural Rajasthan
  12. राष्ट्रीय गोकुल मिशन अंतर्गत थारपारकर वंशावली चयन परियोजना
  13. ऊष्ट्र संरक्षण योजना (Yojna)
  14. राष्ट्रीय गोकुल मिशन अंतर्गत थारपारकर वंशावली चयन परियोजना
  15. मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना (Yojna)
  16. पशु मित्र योजना (Yojna)

असिस्टेंस टू स्टेट्स फॉर कंट्रोल ऑफ़ एनिमल डिजीज (एस्केड )

योजना प्रारम्भ – 2002-2003

वित्त पोषित

राज्य सरकार – 40%

केन्द्रीय सरकार – 60%

योजना का प्रकार – व्यक्तिगत

प्रमुख रोगों की रोकथाम व नियंत्रण हेतु टीकाकरण , टीका उत्पादन व रोग निदान की सुविधाए पशुपालकों को उपलब्ध कराकर आर्थिक हानि से बचाना 

कौशल विकास, प्रौद्योगिकी हस्तानांतरण और विकास योजना

योजना प्रारम्भ – 2016-2017

वित्त पोषित

राज्य सरकार – 40%

केन्द्रीय सरकार – 60%

योजना का प्रकार

सामूहिक

Skill development,Technology transfer and Extension    कौशल विकास, प्रौद्योगिकी हस्तानांतरण और विकास योजना 

कृत्रिम गर्भाधान द्वारा नस्ल सुधार

योजना का प्रकार

व्यक्तिगत

कृत्रिम गर्भाधान द्वारा नस्ल सुधार 

बधियाकरण

योजना का प्रकार

व्यक्तिगत

नाकारा नर पशुओं को प्रजनन के अयोग्य किया जाता है 

पशु मेले

योजना प्रारम्भ – 1963

वित्त पोषित

राज्य

योजना का प्रकार

व्यक्तिगत

पशु पालकों को अपने पशुओं की बिक्री एव खरीदने हेतु उचित माध्यम प्रदान किया जाता है 

सिरोही बकरी में अनुवांशिकी नस्ल सुधार

योजना प्रारम्भ – 2018-2019

वित्त पोषित

राज्य सरकार – 40%

केन्द्रीय सरकार – 60%

योजना का प्रकार

व्यक्तिगत

चयनित पशुपलकों को 30 बकरियों पर 1 बकरा उपलब्ध कराया जाता है , इन चयनित बकरियों से प्रथम बार संतति उत्त्पन होने पर प्रत्येक को रूपये 3000/- प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए जाते है उत्पन संतति में से नर बच्चो का केंद्रीय भेड़ एव ऊन अनुसन्धान संसथान मालपुरा टोंक द्वारा उपलब्ध कराये गए प्रारूप में डाटा रिकॉर्डिंग की जाती है तत्पश्चात केंद्रीय भेड़ एव ऊन अनुसन्धान अनुसंशा पर in बकरो को खरीद कर प्रगति शील पशुपालको को नसल सुधार हेतु उपलब्ध कराया जाता है चयनित बकरों के भरण पोषण हेतु रूपए 5000/- दिए जाते है 

राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम

योजना प्रारम्भ – 2019-2020

वित्त पोषित

केन्द्र

योजना का प्रकार

व्यक्तिगत

गाय ,भैंस बकरी ,भेड़ तथा शूकर वंशीय पशुओ में प्रत्येक 6 माह के अंतराल पर खुरपका मुंहपका रोग का टीका  लगाया जाता है 

राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम

योजना प्रारम्भ Aug.2020

वित्त पोषित

केन्द्र

योजना का प्रकार

व्यक्तिगत

National Artificial Insemination Programme  राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम 

पशुधन निःशुल्क आरोग्य योजना (Yojna)

योजना प्रारम्भ – 15-08-2012

वित्त पोषित

राज्य

योजना का प्रकार

व्यक्तिगत

Pashudhan Nishulk Aarogya Yojna  पशुधन निःशुल्क आरोग्य योजना

पेस्टें डेस पेटिटिस रूमिनेंट्स नियंत्रण

योजना प्रारम्भ – 2016-2017

वित्त पोषित

केन्द्र

योजना का प्रकार

व्यक्तिगत

नये जन्मे भेड़ एव बकरीयों में टीकाकरण 

Poultry Entrepreneurship Development to Improver Farmers Incomes in Rural Rajasthan

योजना प्रारम्भ – August, 2022

अवधि तक मान्य – 31-Mar-2023

वित्त पोषित

राज्य सरकार – 40%

केन्द्रीय सरकार – 60%

योजना का प्रकार

पारिवारिक, व्यक्तिगत

Poultry Entrepreneurship Development to Improver Farmers Incomes in Rural Rajasthan

राष्ट्रीय गोकुल मिशन अंतर्गत थारपारकर वंशावली चयन परियोजना

योजना प्रारम्भ – January 2020

अवधि तक मान्य – 31-Mar-2024

वित्त पोषित

केन्द्र

योजना का प्रकार

व्यक्तिगत

Production of High Genetic Merit Tharparkar Bulls through pedigree selection under RGM राष्ट्रीय गोकुल मिशन अंतर्गत  थारपारकर वंशावली चयन परियोजना 

ऊष्ट्र संरक्षण योजना (Yojna)

 पशुपालन विभाग

योजना प्रारम्भ – 1 नवंबर 2022

वित्त पोषित

राज्य

योजना का प्रकार

व्यक्तिगत

राजस्थान राज्य में ऊँट पशु की लगातार घटती संख्या को रोकने तथा ऊँट प्रजनन को बढ़ावा दिया जाने के उद्देश्य से संरक्षण एवं संवर्धन हेतु मुख्यमंत्री बजट घोषणा 2022-2023 के अन्तर्गत वर्ष 2022-23 से राज्य में उष्ट्र संरक्षण योजना प्रारम्भ की गयी है। 

योजना की पात्रता

राजस्थान राज्य के समस्त मूल निवासी जन आधार कार्ड/आधार कार्ड धारक ऊँट पालक जिनकी ऊंटनी से पैदा हुई सन्तति नर/मादा (टोड़ियां), की आयु 0-2 माह है। 

योजना में आवेदन  करने  हेतु पोर्टल

ऊंट पालकों द्वारा  Integrated online Medicine Management Software  (पशु औषध) http://www.pashuaushadh.com/iomms/  पर निर्धारित आवेदन फार्म में ऊँट पालक का विवरण, बैंक खाता, आश्रित ऊँटों, चयन योग्य ऊंटनी एवं उससे जन्मी नर/मादा सन्तति (टोड़ियां), आयु 0-2 माह आदि के विवरण का आवेदन में उल्लेख किया जावेगा।

योजना का लाभ लेने के लिये संबंधित जिले के संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग से सम्पर्क किया जा सकता है।

योजना में देय सुविधायें

ऑनलाईन आवेदन प्राप्त होने पर 0-2 माह के जन्मे टोडिये हेतु योजनानुसार पात्र होने की स्थिति में कुल राशि 10000 रूपये दो किस्तों में (5000 रूपये प्रति किश्त) उनके बैंक खातों में सीधे हस्तान्तरित की जायेगी।

योजना प्रारम्भ किये जाने का वर्ष 1 नवम्बर 2022

मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना (Yojna)

पशुपालन विभाग

वित्त पोषित

राज्य

योजना का प्रकार

व्यक्तिगत

बजट घोषणा वर्ष 2023-24 के बिन्दु सं. 183 के अन्तर्गत पशुपालकों को दुधारू गौ वंषीय पशुधन की अकाल मृत्यु के कारण सम्भावित नुकसान से सुरक्षा मुहैया कराये जाने की दृष्टि से प्रत्येक परिवार हेतु दो-दो दुधारू गौ वंषीय पशुओं का अधिकतम 40 हजार रूपये तक प्रति पशु बीमा करवाया जावेगा।

योजनान्तर्गत राषि रूपये 750 करोड़ का वार्षिक व्यय कर 20 लाख से अधिक पशुपालकों को लाभान्वित किया जायेगा।

8.00 लाख रूपये तक की वार्षिक आय वाले पशुपालकों के अधिकतम दो दुधारू गौवंषीय पषुओं का पषु बीमा निःषुल्क किया जायेगा तथा 8.00 लाख रूपये से अधिक की वार्षिक आय वाले पषुपालकों को अधिकतम मात्र 200 रूपयें प्रति पषु प्रति वर्ष की दर से भुगतान करना होगा।

पशु मित्र योजना (Yojna)

 पशुपालन विभाग

वित्त पोषित

राज्य

योजना का प्रकार

व्यक्तिगत

Pashu Mitra Yojana (PMY) पशु मित्र योजना (Yojna)

बजट घोषणा 2023-24 के बिन्दु संख्या-185 के अन्तर्गत पशुपालकों को डोर स्टेप पर पशुपालन विभाग की विभिन्न सुविधाओं यथा टैगिंग, टीकाकरण, बीमा, पशुओं की नस्ल सुधार के लिए कृत्रिम गर्भाधान, गर्भ परीक्षण आदि से लाभान्वित करवाने के उद्देश्य से प्रदेश में पशुमित्र योजना प्रारंभ की जा रही है। 
इस हेतु प्रदेश में 5000 बेरोजगार युवा प्रशिक्षित पशुधन सहायक / पशु चिकित्सकों को कार्य निष्पादन अनुसार निर्धारित मानदेय का परिलाभ दिया जाएगा। जिन्हें योजनान्तर्गत पशुमित्र के नाम से पहचाना जावेगा।

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